Not known Details About Shodashi

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ज्येष्ठाङ्गबाहुहृत्कण्ठकटिपादनिवासिनीम् ॥७॥

वास्तव में यह साधना जीवन की एक ऐसी अनोखी साधना है, जिसे व्यक्ति को निरन्तर, बार-बार सम्पन्न करना चाहिए और इसको सम्पन्न करने के लिए वैसे तो किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है फिर भी पांच दिवस इस साधना के लिए विशेष बताये गये हैं—

ध्यानाद्यैरष्टभिश्च प्रशमितकलुषा योगिनः पर्णभक्षाः ।

The Chandi Path, an integral Component of worship and spiritual practice, especially in the course of Navaratri, just isn't just a textual content but a journey in alone. Its recitation is a strong Software from the seeker's arsenal, aiding during the navigation from ignorance to enlightenment.

साशङ्कं साश्रुपातं सविनयकरुणं याचिता कामपत्न्या ।

तां वन्दे नादरूपां प्रणवपदमयीं प्राणिनां प्राणदात्रीम् ॥१०॥

षोडशी महाविद्या प्रत्येक प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने में समर्थ हैं। मुख्यतः सुंदरता तथा यौवन से घनिष्ठ सम्बन्ध होने के परिणामस्वरूप मोहित कार्य और यौवन स्थाई रखने हेतु इनकी साधना अति उत्तम मानी जाती हैं। त्रिपुर सुंदरी महाविद्या संपत्ति, समृद्धि दात्री, “श्री शक्ति” के नाम से भी जानी जाती है। इन्हीं देवी की आराधना कर कमला नाम से विख्यात दसवीं महाविद्या धन, सुख तथा समृद्धि की देवी महालक्ष्मी है। षोडशी देवी का घनिष्ठ सम्बन्ध अलौकिक शक्तियों से हैं जोकि समस्त प्रकार की दिव्य, अलौकिक तंत्र तथा मंत्र शक्तियों की देवी अधिष्ठात्री मानी जाती हैं। तंत्रो में उल्लेखित मारण, मोहन, वशीकरण, उच्चाटन, स्तम्भन इत्यादि जादुई शक्ति षोडशी देवी की कृपा के बिना पूर्ण नहीं होती हैं।- षोडशी महाविद्या

Chanting the Mahavidya Shodashi Mantra makes a spiritual protect all around devotees, safeguarding them from negativity and damaging influences. This mantra acts to be a supply of protection, supporting persons manage a optimistic surroundings free of charge from mental and spiritual disturbances.

ह्रीङ्काराम्भोधिलक्ष्मीं हिमगिरितनयामीश्वरीमीश्वराणां

॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरीचक्रराज स्तोत्रं ॥

करोड़ों सूर्य ग्रहण तुल्य फलदायक website अर्धोदय योग क्या है ?

The whole world, as being a manifestation of Shiva's consciousness, holds The true secret to liberation when 1 realizes this basic unity.

वन्दे वाग्देवतां ध्यात्वा देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥१॥

प्रासाद उत्सर्ग विधि – प्राण प्रतिष्ठा विधि

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